व्यवस्थाओं की पोल खोलता सूरत
व्यवस्थाओं का काम सिर्फ सहायता करना नहीं होता। उनका ये काम होता है की जाँच करे की कौन नियमों का पालन नहीं करता है। सूरत की घटना इसका ताजा उदाहरण हैं। सूरत में न ही कोचिंग सेंटरों की नियमित जाँच की गई और न ही निर्दोष बच्चो तक सहायता पहुंचाई जा सकी। इसी कारन कई बच्चो की मौत हो गई। हम सब चाहते है की हमारा भविष्य मंगलमय हो युवा हमारे देश के भविष्य है और हम अपने भविष्य की ही रक्षा नहीं कर पाये। अब हम कभी नहीं जान पाएंगे की वे बच्चे हमारे इस भारत देश के लिए क्या कर सकते थे।
जो संकट के समय हमारी मदद करे उसी को हम सच्चा संबंधी कहते है जो संकट के समय हमारी सहायता नहीं करता उसे हम अपना सच्चा मित्र नहीं कहते। व्यक्ति ,समाज ,देश ,विश्व सहित जिंदगी के हर क्षेत्र में संकट आने पर आपातकालीन नियम बनाये गये है हमारे संविधान में भी आपत्कालीन शक्तिओ का प्रावधान किया गया है।
इन आपत्कालीन शक्तिओ का प्रावधान देश को आपत्कालीन परीस्थियों से बचाने के लिए किया गया है।
हमारे देश में दुनिया की सबसे ऊँची स्टेचू है लेकिन मासूम बच्चो को बचाने के लिए सीढिया नहीं है।
हमारे देश की व्यस्था इस तरह चरमरा गई है की लोगो को दिख भी नहीं रहा है।
नरेंद्र मोदी को क्या है उनका काम तो हो गया एक ट्वीट कर दिया और दुःख व्यक्त कर दिया हो गया
मैं बोलता हूँ की जब बिल्डिंग कंस्ट्रक्ट किया जाता है तब उसमे फायर सेफ्टी देखा जाता है
मगर इस बिल्डिंग में फायर सेफ्टी तो थी ही नहीं।
भारत में अर्थव्यस्था इतनी चरमरा गई है की बात करना ही बेकार है। इन नेताओ को सिर्फ बोलना आता है
और हमारे नरेंद्र मोदी भाई को सिर्फ भारत माता की जय बोलने आता है। भारत माता की जय बल्ने से तो घर चलता नहीं है उसके लिए पैसे होने चाइये हुए पैसा कमाने के लिए रोजगार होना चाइये। आज बेरोजगारी का लेवल इतना बढ़ गया है की लोग ८००० और ९००० रुपये महीने में काम कर रहे हैं। और हमारे युवा दिन भर मोबाइल में लगे रहते हैं। बेरोजगारी का लेवल इतना निचे जा चूका है की बता नहीं सकते हैं और इनको भारत माता की जय की पड़ी हैं। नरेंद्र भाई बड़ी बडी बात करना बहुत आसान है लेकिन उसपे अमल करना उतना ही कठिन हैं।
व्यवस्थाओं का काम सिर्फ सहायता करना नहीं होता। उनका ये काम होता है की जाँच करे की कौन नियमों का पालन नहीं करता है। सूरत की घटना इसका ताजा उदाहरण हैं। सूरत में न ही कोचिंग सेंटरों की नियमित जाँच की गई और न ही निर्दोष बच्चो तक सहायता पहुंचाई जा सकी। इसी कारन कई बच्चो की मौत हो गई। हम सब चाहते है की हमारा भविष्य मंगलमय हो युवा हमारे देश के भविष्य है और हम अपने भविष्य की ही रक्षा नहीं कर पाये। अब हम कभी नहीं जान पाएंगे की वे बच्चे हमारे इस भारत देश के लिए क्या कर सकते थे।
जो संकट के समय हमारी मदद करे उसी को हम सच्चा संबंधी कहते है जो संकट के समय हमारी सहायता नहीं करता उसे हम अपना सच्चा मित्र नहीं कहते। व्यक्ति ,समाज ,देश ,विश्व सहित जिंदगी के हर क्षेत्र में संकट आने पर आपातकालीन नियम बनाये गये है हमारे संविधान में भी आपत्कालीन शक्तिओ का प्रावधान किया गया है।
इन आपत्कालीन शक्तिओ का प्रावधान देश को आपत्कालीन परीस्थियों से बचाने के लिए किया गया है।
हमारे देश में दुनिया की सबसे ऊँची स्टेचू है लेकिन मासूम बच्चो को बचाने के लिए सीढिया नहीं है।
हमारे देश की व्यस्था इस तरह चरमरा गई है की लोगो को दिख भी नहीं रहा है।
नरेंद्र मोदी को क्या है उनका काम तो हो गया एक ट्वीट कर दिया और दुःख व्यक्त कर दिया हो गया
मैं बोलता हूँ की जब बिल्डिंग कंस्ट्रक्ट किया जाता है तब उसमे फायर सेफ्टी देखा जाता है
मगर इस बिल्डिंग में फायर सेफ्टी तो थी ही नहीं।
भारत में अर्थव्यस्था इतनी चरमरा गई है की बात करना ही बेकार है। इन नेताओ को सिर्फ बोलना आता है
और हमारे नरेंद्र मोदी भाई को सिर्फ भारत माता की जय बोलने आता है। भारत माता की जय बल्ने से तो घर चलता नहीं है उसके लिए पैसे होने चाइये हुए पैसा कमाने के लिए रोजगार होना चाइये। आज बेरोजगारी का लेवल इतना बढ़ गया है की लोग ८००० और ९००० रुपये महीने में काम कर रहे हैं। और हमारे युवा दिन भर मोबाइल में लगे रहते हैं। बेरोजगारी का लेवल इतना निचे जा चूका है की बता नहीं सकते हैं और इनको भारत माता की जय की पड़ी हैं। नरेंद्र भाई बड़ी बडी बात करना बहुत आसान है लेकिन उसपे अमल करना उतना ही कठिन हैं।


0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box