भारत की स्टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने आसमान छू लिया है। 
8 साल की उम्र से बैडमिंटन का रैकेट थामने वाली सिंधू ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने शानदार प्रदर्शन से.. पूरे देश का सिर ऊंचा कर दिया। सिंधू के माता पिता भी खेल से जुड़े हुए हैं.. शायद इसी कारण उनमें खेल के प्रति ये जुनून है.. ये वर्षों की कड़ी मेहन ही है कि जिसका सपना उन्होंने सालों से देखा वो आखिरकार पूरा हो ही गया। सिंधु ने वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप का ख़िताब अपने नाम कर लिया है।
इससे पहले सिल्वर और रजत पदक अपने नाम कर चुकीं पीवी सिंधू.. आख़िरकार गोल्ड मैडल जीत ही गईं। इसके पीछे उनकी कई सालों की मेहनत, लगन, आत्मविश्वास, कुछ कर गुज़रने का जुनून है जिसकी फलस्वरूप आज उन्होंने ये मकाम हांसिल किया।
 
8 साल की उम्र से बैडमिंटन का रैकेट थामने वाली सिंधू ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने शानदार प्रदर्शन से.. पूरे देश का सिर ऊंचा कर दिया। सिंधू के माता पिता भी खेल से जुड़े हुए हैं.. शायद इसी कारण उनमें खेल के प्रति ये जुनून है.. ये वर्षों की कड़ी मेहन ही है कि जिसका सपना उन्होंने सालों से देखा वो आखिरकार पूरा हो ही गया। सिंधु ने वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप का ख़िताब अपने नाम कर लिया है।
इससे पहले सिल्वर और रजत पदक अपने नाम कर चुकीं पीवी सिंधू.. आख़िरकार गोल्ड मैडल जीत ही गईं। इसके पीछे उनकी कई सालों की मेहनत, लगन, आत्मविश्वास, कुछ कर गुज़रने का जुनून है जिसकी फलस्वरूप आज उन्होंने ये मकाम हांसिल किया।
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