हर एक माला 108 बीड्स से बना होता हैं ।हिन्दू धर्म के बारे में अगर जरा सा भी जानकारी रखने वाले जानते होंगे मंत्र उच्चारण और जाप करते समय हम 108 बीड्स वाले माला का इस्तेमाल करते हैं जिसमे एक एक्स्ट्रा बीड्स होता हैं जो कि हमे मदद करता हैं स्टार्टिंग और एन्डिंग पॉइंट को पहचानने में।
पर 108 ही क्यों इसका उत्तर ढूढ़ते समय मुझे बहुत आश्चर्य करने वाला उत्तर मिला जो मैंने सोचा आप सब को शेयर करू ।
ये नीला रंग का गोला आज हमारा आकाश बनेगा यही जोडिएक signs या राशि चक्र के नाम से जाना जाता हैं । 360० को 12 राशियों में डिवाइड करने पर हर राशि को 30०का एंगल मिलता हैं और इससे ही बनता हैं 12 राशिया जिन्हें हम इंग्लिश में जोडिएक सैन्स कहते हैं ।
इस राशि चक्र को 27 नक्षत्र को डिवाइड करने पर हर एक नक्षत्र का डिग्री 13.20०होता हैं इन नक्षत्रों को आगे जाके चार चरणों में डिवाइड किया जाता हैं जिनको पादास कहते हैं 13.20० को 4 से डिवाइड करने पर हर एक पादास 3.20० का बनता हैं।
एक पूरे राशिचक्र में कुल कितने पादास होते हैं ?
ये जानने के लिए हमारे पास दो तरीके हैं ।
ये जानने के लिए हमारे पास दो तरीके हैं ।
9 पादास को 12 राशियों से गुणा करे तो =108(9×12)
27 नक्षत्र को 4 पादास से गुणा करे तो =108(27×4)
गॉड पार्टिकल और जॉमेट्रिकल इमेज में काफी similarities हैं।
साइंटिस्ट का खोज हैं और ऐसा बोल जाता हैं कि हमारी सृष्टि का कारण ही गॉड पार्टिकल हैं। इस पूरे रिसर्च में नम्बर9 को काफी महत्व दिया गया हैं । उदहारण के तौर पर हमारे सोलर सिस्टम में 9 प्लेनेट हैं ।
360० (3+6=9)
108 पादास (1+8=9)
हमारे हिन्दू धर्म की श्री यंत्र जो कि दुनिया का सबसे बड़ा रहस्यमय जॉमेट्रिकल पजल हैं वो भी 9 त्रिकोण से बना हैं ।इन सभी चीज़ों से यही मालूम होता हैं कि जब हम 108 बार मंत्र उच्चारण करते हैं तो डायरेक्टली या इंडिरेक्टली पूरे सृष्टि से प्राथना करते हैं ,9 ग्रहों से प्राथना करते हैं ,27 नक्षत्रो से प्राथना करते हैं ,12 राशियों से प्राथना करते हैं और निर्गुण निराकार परम ब्राम्हण से प्राथना करते हैं।








0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box