जैसा कि आप सब को मालूम हैं महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के केसेस बहुत बढ़ रहे हैं । महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज हैं। यंहा देश में मरने वालों की संख्या भी सबसे अधिक हैं ।पूरे देश में अब तक कोरोना से मारने वाला की संख्या लगभग 500 के पार हो गई हैं जिसमे से 230 से भी ज्यादा लोग की मौत सिर्फ महाराष्ट्र में हुई हैं।
आखिर महाराष्ट्र में कोरोना के केस इतने ज्यादा क्यों हैं ?
1 हेल्थ मिनिस्ट्री के निर्देश के अनुसार covid एंड non covid पेशेंट्स को अलग अलग रखना चाहिए जो महाराष्ट्र सरकार से बहुत बड़ी भूल हुई हैं ।जिससे 40 नर्सो को भी पोसिटिव पाया गया हैं।
2. महाराष्ट्र में covid के केसेस सबसे ज्यादा हैं तो जांच भी सबसे ज्यादा होना चाहिए लेकिन उसमें भी सरकार विफल रही । पर 10 लाख लोगों में से लगभग 80 हज़ार लोगो के जांच हुए हैं।जभी की ये बहुत बड़ी परेशानी हैं ।
3.तब्लीगी जमात के केसेस से पूरे देश में फैल गए हैं ।जिसमे से दिल्ली केरेल तमिलनाडु के साथ साथ महाराष्ट्र में भी इसके केसेस हैं लेकिन सरकार अभी तक लोगो को ढूढ़ नही पाई हैं । अनिल देशमुख जो कि महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर हैं उनके अनुसार मारकज के कुल 58 मरीज थे जिसमें से अभी भी 16 लोगो सरकार नही ढूढ़ पाई हैं।
4.क्या महाराष्ट्र में lockdown का सकती से पालन किया जा रहा । जिसकी आप सभी जानते हैं पूरे देश में मजदूर वर्ग को काफी कुछ झेलना पड़ रहा है और वो लोग रोड पर आ जाते हैं जैसा कि आप लोग ने दिल्ली और बांद्रा और सूरत में देखा होगा । लेकिन ऐसा माना जाता हैं कि जो बांद्रा की घटना थी उसको साजिश के जरिये किया गया था। अभी हाल ही में 2 साधुओं सहित 1 ड्राइवर की हत्या कर दी जाती है और वो भी पुलिस की निगरानी में जिसमे लगभग 300 लोग शामिल रहते हैं ।सवाल ये उठता हैं कि lockdown के चलते 300 लोग इकट्ठे कैसे हुए ।
5.महाराष्ट्र की सबसे बड़ी समस्या धारावी हैं जिसमे अब रोज केसेस बढ़ते जा रहे हैं ।आप सभी को मालूम होगा कि मुम्बई धारावी पूरे एशिया का सबसे बड़ा स्लम एरिया हैं ।जिसमे लोगो को lockdown पालन करने में बहुत परेशानिया उठानी पड़ रही हैं ।यंहा पर लोग 2स्क्वायर km में रहते हैं। और यंहा पर सबसे बड़ी समस्या हैं कम्युनिटी टॉयलेट । और कुछ लोगो का ये भी मानना हैं कि उनके alhha ने ही कोरोना को भेजा हैं और कुरान से कोरोना आया हैं।
महाराष्ट्र में अबतक कोरोना के केसेस कम हो जाते लेकिन यंहा की अघाड़ी सरकार अपनी कुर्शी बचाने में लगी हैं ।जैसा कि आप सब को मालूम हैं महाराष्ट्र में नवंबर में बहुत को झेलना पड़ा था और तब जाकर महाराष्ट्र में सरकार बनी वो तीन पार्टियों के साथ गठबंधन करके और इसका नाम रखा गया अघाड़ी विकाश महागठबंधन जिसमे उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया गया । लेकिन उद्धव ठाकरे जी न किसी legislatilure के सदस्य हैं और न ही MP और MLA उनका कार्यकाल केवल 6 महीने के लिए था लेकिन इस समय में वो न तो इलेक्शन लड़ सकते हैं और नॉमिनेशन के हिसाब से जाते हैं तो महाराष्ट्र के जो राज्यपाल हैं उनका कार्यकाल जून में खत्म हो रहा हैं तो समस्या ये आ रही हैं अगर राज्यपाल नॉमिनेशन करते भी हैं तो उद्धवजी केवल 2 महीने के लिए और मुख्यमंत्री बन सकते हैं ।
इसी उधेड़बुन में लगी शिवसेना समझ नही पा रही हैं कि उसको सर्वप्रथम किस पर ध्यान देना चाहिए पहले अपनी कुर्शी संभले या फिर जनता के स्वास्थ्य का ध्यान रखे।

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