फूलों की खेती करने वाले किसान लॉकडाउन में बहुत ही मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। फूल खेत में ही सड़ रहे हैं और किसानों को मजबूरन उन्हें तोड़ कर फेंकना पड़ रहा है।
गुजरात: राजकोट में फूलों की खेती करने वाले किसान लॉकडाउन में बहुत ही मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। फूल खेत में ही सड़ रहे हैं और किसानों को मजबूरन उन्हें तोड़ कर फेंकना पड़ रहा है।
फूलों की खेती करने वाले एक किसान ने बताया कि जब से लॉकडाउन हुआ है हमारा धंधा एकदम बंद हो गया है। हर हफ्ते का 2,000-2,500 का दवाई, मजदूर का खर्चा है। 1 रुपये का फूल नहीं बिकता है। परिवार में खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है। सरकार फूलों के किसान के लिए कुछ करे।
छत्तीसगढ़: बलरामपुर में फूलों की खेती करने वाले किसान लॉकडाउन में फूलों को बाहर नहीं भेज पा रहे है,उन्हें मुरझाए हुए फूल फेंकने पड़ रहे हैं। एक किसान ने बताया कि गाड़ी नहीं चल रही है इसलिए फूल बाहर नहीं भेज पा रहा हूं। अगर कोरोना नहीं आता तो शादी के लगन में फूल अच्छा पैसा देता।
गुजरात: राजकोट में फूलों की खेती करने वाले किसान लॉकडाउन में बहुत ही मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। फूल खेत में ही सड़ रहे हैं और किसानों को मजबूरन उन्हें तोड़ कर फेंकना पड़ रहा है।
फूलों की खेती करने वाले एक किसान ने बताया कि जब से लॉकडाउन हुआ है हमारा धंधा एकदम बंद हो गया है। हर हफ्ते का 2,000-2,500 का दवाई, मजदूर का खर्चा है। 1 रुपये का फूल नहीं बिकता है। परिवार में खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है। सरकार फूलों के किसान के लिए कुछ करे।
छत्तीसगढ़: बलरामपुर में फूलों की खेती करने वाले किसान लॉकडाउन में फूलों को बाहर नहीं भेज पा रहे है,उन्हें मुरझाए हुए फूल फेंकने पड़ रहे हैं। एक किसान ने बताया कि गाड़ी नहीं चल रही है इसलिए फूल बाहर नहीं भेज पा रहा हूं। अगर कोरोना नहीं आता तो शादी के लगन में फूल अच्छा पैसा देता।
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