भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर और 65 अन्य लोगों के खिलाफ प्रयागराज में प्रतिबंधों के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री रहे और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर और 65 अन्य लोगों के खिलाफ प्रयागराज में प्रतिबंधों के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। अन्य नेताओं में जनअधिकार पार्टी के प्रमुख बाबू सिंह कुशवाहा, अपना दल प्रमुख कृष्णा पटेल, भारतीय उपकार पार्टी प्रमुख प्रेम चंद्र प्रजापति, भारतीय मानव समाज पार्टी के प्रमुख रामधनी बिंद और 60 अन्य शामिल थे। गुरुवार को पट्टी पुलिस स्टेशन में यह FIR दर्ज की गई।
प्रयागराज रेंज के आईजी ने बताया कि के.पी. सिंह, राजभर और अन्य के खिलाफ धारा 188 और 269 के तहत FIR दर्ज की गई थी। SHO पट्टी नरेंद्र सिंह ने अपनी प्राथमिकी में कहा कि जब पुलिस रमीपुर नयादा गांव के पास लॉकडाउन के आदेशों को बनाए रखने में व्यस्त थी, तो उन्होंने देखा कि राजभर, कुशवाहा और अन्य नेताओं ने अपने समर्थकों को पुलिस की पूर्व अनुमति के बिना इकट्ठा किया। वे धुई और गोविंदपुर गांवों में बैठकें कर रहे थे। बाद में, पुलिस अधिकारियों ने नेताओं और उनके समर्थकों को वापस भेज दिया और बैठकों को नहीं होने दिया गया।
बता दें कि ओम प्रकाश राजभर ने 2019 तक योगी सरकार को अपना समर्थन दिया था, लेकिन लोकसभा चुनावों से ऐन पहले बीजेपी और SBSP के रिश्तों में तल्खी आ गई। इसके बाद ओम प्रकाश राजभर को मंत्री पद गंवाना पड़ा। तभी से वह भारतीय जनता पार्टी और योगी सरकार के आलोचक हैं। गौरतलब है कि राजभर अक्सर अपने बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं, और मंत्री रहते हुए भी कई बार उन्होंने अपनी ही सरकार पर हमला बोला था।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री रहे और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर और 65 अन्य लोगों के खिलाफ प्रयागराज में प्रतिबंधों के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। अन्य नेताओं में जनअधिकार पार्टी के प्रमुख बाबू सिंह कुशवाहा, अपना दल प्रमुख कृष्णा पटेल, भारतीय उपकार पार्टी प्रमुख प्रेम चंद्र प्रजापति, भारतीय मानव समाज पार्टी के प्रमुख रामधनी बिंद और 60 अन्य शामिल थे। गुरुवार को पट्टी पुलिस स्टेशन में यह FIR दर्ज की गई।
प्रयागराज रेंज के आईजी ने बताया कि के.पी. सिंह, राजभर और अन्य के खिलाफ धारा 188 और 269 के तहत FIR दर्ज की गई थी। SHO पट्टी नरेंद्र सिंह ने अपनी प्राथमिकी में कहा कि जब पुलिस रमीपुर नयादा गांव के पास लॉकडाउन के आदेशों को बनाए रखने में व्यस्त थी, तो उन्होंने देखा कि राजभर, कुशवाहा और अन्य नेताओं ने अपने समर्थकों को पुलिस की पूर्व अनुमति के बिना इकट्ठा किया। वे धुई और गोविंदपुर गांवों में बैठकें कर रहे थे। बाद में, पुलिस अधिकारियों ने नेताओं और उनके समर्थकों को वापस भेज दिया और बैठकों को नहीं होने दिया गया।
बता दें कि ओम प्रकाश राजभर ने 2019 तक योगी सरकार को अपना समर्थन दिया था, लेकिन लोकसभा चुनावों से ऐन पहले बीजेपी और SBSP के रिश्तों में तल्खी आ गई। इसके बाद ओम प्रकाश राजभर को मंत्री पद गंवाना पड़ा। तभी से वह भारतीय जनता पार्टी और योगी सरकार के आलोचक हैं। गौरतलब है कि राजभर अक्सर अपने बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं, और मंत्री रहते हुए भी कई बार उन्होंने अपनी ही सरकार पर हमला बोला था।
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