प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। अधिकारियों से महामारी की विभीषिका से निपटने के लिए परीक्षण, बिस्तरों की संख्या और सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाने को कहा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल कोविड-19 महामारी पर कार्रवाई की समीक्षा के लिए वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ एक विस्तृत बैठक की। बैठक में महामारी के संदर्भ में राष्ट्रीय स्तर की स्थिति और तैयारी की समीक्षा की गई। दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की स्थिति का जायज़ा लिया गया। बैठक में गृह मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, स्वास्थ्य सचिव, आईसीएमआर के महानिदेशक और अधिकार प्राप्त समूहों के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
नीति आयोग के सदस्य और चिकित्सा आपात प्रबंधन समूह के संयोजक डॉ. विनोद पॉल ने वर्तमान स्थिति और मध्यम अवधि में कोविड-19 मामलों के संभावित परिदृश्य का ब्यौरा दिया। सदस्यों ने कहा कि देश में कुल मामलों का दो-तिहाई हिस्सा 5 राज्यों में है। बड़े शहरों के सामने आने वाली चुनौतियों के मद्देनज़र, परीक्षण बढ़ाने के साथ-साथ दैनिक मामलों की चरम स्थिति को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए बेड और सेवाओं की संख्या पर चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री ने शहर और जिलेवार अस्पताल और पृथक बिस्तरों की आवश्यकताओं पर अधिकार प्राप्त समूह की सिफारिशों का संज्ञान लिया। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के परामर्श से आपातकालीन योजना बनाने का निर्देश दिया।
राजधानी में कोविड-19 रोग के वर्तमान और उभरते परिदृश्य पर बैठक में चर्चा की गई और अगले 2 महीनों के आकलन पर विचार किया गया। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ आपात बैठक बुलानी चाहिए, जिसमें कोविड-19 के बढ़ते मामलों से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार, दोनों के वरिष्ठ अधिकारियों और दिल्ली नगर निगमों के अधिकारियों के साथ समन्वित और व्यापक योजना बनाई जाए। प्रधानमंत्री ने कोविड-19 को सफलतापूर्वक नियंत्रित करने में कई राज्यों, जिलों और शहरों के उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल कोविड-19 महामारी पर कार्रवाई की समीक्षा के लिए वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ एक विस्तृत बैठक की। बैठक में महामारी के संदर्भ में राष्ट्रीय स्तर की स्थिति और तैयारी की समीक्षा की गई। दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की स्थिति का जायज़ा लिया गया। बैठक में गृह मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, स्वास्थ्य सचिव, आईसीएमआर के महानिदेशक और अधिकार प्राप्त समूहों के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
नीति आयोग के सदस्य और चिकित्सा आपात प्रबंधन समूह के संयोजक डॉ. विनोद पॉल ने वर्तमान स्थिति और मध्यम अवधि में कोविड-19 मामलों के संभावित परिदृश्य का ब्यौरा दिया। सदस्यों ने कहा कि देश में कुल मामलों का दो-तिहाई हिस्सा 5 राज्यों में है। बड़े शहरों के सामने आने वाली चुनौतियों के मद्देनज़र, परीक्षण बढ़ाने के साथ-साथ दैनिक मामलों की चरम स्थिति को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए बेड और सेवाओं की संख्या पर चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री ने शहर और जिलेवार अस्पताल और पृथक बिस्तरों की आवश्यकताओं पर अधिकार प्राप्त समूह की सिफारिशों का संज्ञान लिया। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के परामर्श से आपातकालीन योजना बनाने का निर्देश दिया।
राजधानी में कोविड-19 रोग के वर्तमान और उभरते परिदृश्य पर बैठक में चर्चा की गई और अगले 2 महीनों के आकलन पर विचार किया गया। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ आपात बैठक बुलानी चाहिए, जिसमें कोविड-19 के बढ़ते मामलों से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार, दोनों के वरिष्ठ अधिकारियों और दिल्ली नगर निगमों के अधिकारियों के साथ समन्वित और व्यापक योजना बनाई जाए। प्रधानमंत्री ने कोविड-19 को सफलतापूर्वक नियंत्रित करने में कई राज्यों, जिलों और शहरों के उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की।
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