उत्तराखंड में पिथौरागढ जिले के बंगापानी सबडिवीजन के दो गांवों में सोमवार तडके बादल फटने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गयी और 11 अन्य लापता हो गए।
पिथौरागढ के जिलाधिकारी वीके जोगदंडे ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मध्य रात्रि के बाद करीब दो बजे बादल फटने की घटना में छह व्यक्ति घायल भी हो गए।
उन्होंने बताया कि बादल फटने के दौरान गैला गांव में एक मकान ढह गया जिससे उसमें सो रहे शेर सिंह, उसकी पत्नी गोविंदी देवी और उनकी पुत्री कुमारी ममता की मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि इस गांव में पांच लोग घायल हुए हैं।
जोगदंडे ने बताया कि गैला में दो शव बरामद हो चुके हैं जबकि टांगा गांव में एक व्यक्ति को घायल अवस्था में बाहर निकाल लिया गया है और 11 अन्य अभी लापता बताए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रभावित गांवों में स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवानों ने राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि टांगा गांव में मलबे के अंदर से जीवित निकाले गये व्यक्ति ने बताया कि एक नाले में आए उफान के पानी में 11 अन्य लोग भी बह गए हैं।
उन्होंने बताया कि बादल फटने की घटना में दो अन्य गांव सिरतौला और पत्थरकोट भी प्रभावित हुए हैं जहां पांच मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बंगापानी क्षेत्र के कई गांवों में भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन एवं भू—कटाव में लोगों की मौतों पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी को राहत और बचाव कार्य में किसी तरह की कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं।
यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, रावत ने प्रभावितों को तत्काल अनुमन्य राहत राशि उपलब्ध कराने के साथ ही जरूरी सुविधाएं भी मुहैया कराने के निर्देश दिए और कहा कि लापता लोगों की खोज युद्ध स्तर पर की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की दृष्टि से राज्य के लिये यह समय हर वक्त सतर्क रहने का है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं के प्रति हर समय सतर्क रहने के निर्देश देते हुए कहा कि जिलों में आपदा प्रबंधन तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सतर्कता के साथ हम आपदा के नुकसान को कम कर सकते हैं।
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box